बाबर (1526-30 ई.)
- बाबर भारत में मुगल साम्राज्य का संस्थापक था।
- बाबर 'चगताई तुर्क' था। 1507 ई. में कंधार विजय के समय उसने 'पादशाह' की उपाधि धारण की।
- तोपखाने का प्रयोग भारत में बाबर की सफलता का एक प्रमुख कारण था।
बाबर ने भारत में चार प्रमुख युद्ध लड़े:
- पानीपत का प्रथम युद्धः 21 अप्रैल, 1526 को बाबर ने इब्राहीम लोदी को हराया।
- खानवा का युद्ध: 17 मार्च, 1627 को खानवा में बाबर ने राणा सांगा को पराजित कर दिया। बाबर ने इसी युद्ध में जेहाद का नारा दिया तथा युद्ध के बाद 'गाजी' की उपाधि धारण की।
- चंदेरी का युद्धः 1528 ई. में बाबर ने चंदेरी के शासक मेदिनी राय को हराया। 4. घाघरा का युद्ध: 1529 ई. में बाबर ने अफगानों को हराया।
- बीमारी के कारण 26 दिसंबर, 1530 को बाबर की मृत्यु हो गई। बाबर को काबुल में दफनाया गया।
- बाबर ने प्रधानमंत्री के समान 'मीर' पद का सृजन किया।
- बाबर ने अपने को 'सुल्तान' के स्थान पर 'बादशाह' पुकारा।
- बाबर ने अपनी आत्मकथा 'बाबरनामा' या 'तुजुक ए बाबरी' लिखी, जो 'तुर्की' भाषा में है।
- भारत में तोपों का प्रयोग बाबर ने ही प्रारंभ किया।
- उसने मुबइयान नामक शैली को जन्म दिया तथा 'तमगा' नामक कर समाप्त कर दिया।
- उसने कला के क्षेत्र में चारबाग शैली का प्रचलन किया और आगरा में प्रसिद्ध आराम बाग बनवाया।
- बाबर ने पानीपत एवं संभल की मस्जिदें बनवायीं। उसके सेनापति मीर बाकी ने अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनवायी ।
हुमायूं (1530-1540 ई. तथा 1555-56 ई.) →
- बाबर के सबसे बड़े पुत्र हुमायूं का जन्म 6 मार्च, 1508 को काबुल में हुआ।
- 1526 ई. में हुमायूं को 'हिसार फिरोजाबाद' का जिला फिर संभल की जागीर दी गई। ● बाबर की मृत्यु के बाद 30 दिसंबर, 1530 को नसीरुद्दीन हुमायूं भारत का नया मुगल शासक बना।
- हुमायूं ने 'दोहरिया' नामक स्थान पर अफगानों से भी युद्ध किया तथा उन्हें हरा दिया। 1539 ई. में हुमायूं एवं शेर खां के बीच चौसा का युद्ध हुआ, जिसमें हुमायूं हार गया। शेर खां इस युद्ध के बाद स्वयं को सुल्तान घोषित किया व 'शेरशाह' की उपाधि धारण की।
- 1540 ई. में कन्नौज के युद्ध में शेरशाह ने फिर से हुमायूं को हरा दिया तथा उसके राज्य पर अधिकार कर लिया। शेरशाह की मृत्यु के बाद जून, 1555 में हुमायू ने सरहिंद के युद्ध में शेरशाह के वंशजों को हराया तथा पुनः भारत का सुल्तान बन गया।
- हुमायूं ने दिल्ली के पुराने किले दीनपनाह में 'शेरमंडल' नामक पुस्तकालय बनाया था। • 27 जनवरी, 1556 को इसी पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरकर उसकी मृत्यु हो गई। लेनपूल ने हुमायूं के बारे में कहा कि 'वह जीवन भर लड़खड़ाता रहा तथा लड़खड़ाते हुए ही उसकी मृत्यु हुई।'
अकबर (1556-1605 ई.)
- अकबर का जन्म अमरकोट के राणा वीरसाल के महल में 15 अक्टूबर, 1542 को हुआ। उसकी माता का नाम ' हमीदा बानू बेगम' था। उसके बचपन का नाम 'जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर' रखा गया। बैरम खां अकबर का संरक्षक था।
- हुमायूं की मृत्यु के बाद पंजाब में गुरुदासपुर जिले के निकट 'कलानौर' नामक स्थान पर 14 फरवरी, 1556 को 14 वर्ष की आयु में अकबर को मुगल बादशाह घोषित किया गया। अकबर ने बैरम खां को अपना वकील (वजीर ) नियुक्त किया तथा उसे 'खान-ए-खाना' की उपाधि दी।
- अकबर के शासन के शुरुआत के वर्षों में उस पर उसके रिश्तेदारों का प्रभाव था। इस समय को 'पर्दा शासन' या 'पेटीकोट सरकार' कहते हैं। अकबर की आयाओं में जीजी अनगा या माहम अनगा सबसे प्रमुख थी। इसके पति शमशुद्दीन (अतगा खां) ने कन्नौज युद्ध में हुमायूं की जान बचाई थी।
0 टिप्पणियाँ
if you have any doubt please let me know